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बौद्धमत में आर्यसत्य
बौद्ध मत में आर्यसत्य हैं–
(1) दुःख : संसार में दुःख है,
(2) समुदय : दुःख के कारण हैं,
(3) निरोध : दुःख के निवारण हैं,
(4) मार्ग : निवारण के लिये अष्टांगिक मार्ग हैं।
इसके आठ अंग हैं–
सम्यक् दृष्टि
सम्यक् संकल्प
सम्यक् वचन
सम्यक् कर्म
सम्यक् आजीविका
सम्यक् व्यायाम
सम्यक् स्मृति
सम्यक् समाधि।
इस आर्यमार्ग को सिद्ध कर वह मुक्त हो जाता है।
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