सचिन तेंदुलकर के जन्म दिवस पर विशेष

” तेंदुलकरस्य देवत्वम् “

           चरित्रेण तस्य देवत्वं न हि केवलं क्रीडनात्

( सचिन तेंदुलकर के जन्म दिवस पर विशेष)

 खेल जगत के विभिन्न खेलों में संपूर्ण विश्व में यदि किसी खिलाड़ी को भगवान या देवत्व की उपाधि दी गई है तो वह है सचिन तेंदुलकर। सचिन को न केवल भारत ने अपितु संपूर्ण विश्व ने  क्रिकेट का भगवान या गॉड ऑफ क्रिकेट माना है ।यद्यपि स्वयं सचिन तेंदुलकर ने अपने आपको हमेशा एक सामान्य खिलाड़ी के अतिरिक्त कुछ भी नहीं माना है, उनके कई साक्षात्कार में उन्होंने इसी बात को कहा है। तथापि एक खिलाड़ी को उस क्षेत्र का भगवान कहा जाना सामान्य बात नहीं है आखिर क्यों पूरी दुनिया के खिलाड़ी व क्रिकेट प्रेमियों ने उन्हें क्रिकेट का भगवान माना ? क्या केवल क्रिकेट की विशेषज्ञता ने उन्हें क्रिकेट का भगवान बनाया ? क्या किसी खिलाड़ी को उसके खेल में विशेषज्ञ होने के चलते भगवान का दर्जा दिया जा सकता है?

 क्रिकेट में कीर्तिमान स्थापित करना-

 सचिन तेन्दुलकर अपने समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाते हैं ।कई कीर्तिमान व रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है जिन्हें तोड़ पाना बहुत मुश्किल है ।उनके नाम एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड है ।सर्वाधिक शतकों का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम होने के साथ-साथ क्रिकेट खेल में सैकड़ों रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है। हालांकि आज कई खिलाड़ी उनके रिकार्डस का तेजी से पीछा कर रहे हैं, व स्वयं सचिन का मानना है कि एक दिन उनके रिकॉर्ड तोड़ दिए जाएंगे। आज क्रिकेट जगत में कई खिलाड़ी है जो मैच विनर व फिनिशर की भूमिका निभा रहे हैं, शतक लगाने में भी इनकी गति सचिन से ज्यादा है, कुछ खिलाड़ी सचिन के रिकॉर्ड तोड़ भी सकते हैं, लेकिन एक रिकॉर्ड व कीर्तिमान है जो केवल सचिन के नाम है और वह ह क्रिकेट का भगवान हो जाना। क्रिकेट के अतिरिक्त कई खेलों के धुरंधर खिलाड़ी हुए परंतु भगवान केवल सचिन को कहा गया है। सचिन तेंदुलकर को यह रूपक उनके क्रिकेट में विशेष  होने के साथ-साथ चरित्रवान होने के कारण दिया गया है

 सचिन एक पथ निर्माता-

 सचिन तेन्दुलकर क्रिकेट की दुनिया पथ निर्माता है। सचिन ने क्रिकेट में कई आयामों को  छुआ।  सचिन ने दुनिया को बताया कि कम उम्र में ही क्रिकेट शुरू कर के लंबे समय तक क्रिकेट खेला जा सकता है। वर्तमान भारतीय क्रिकेट टीम में कई खिलाड़ी है जो सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट खेलते हुए देख कर के इस पद पर पहुंचे हैं। सचिन ने ही  सर्वप्रथम दुनिया को यह करके दिखाया कि 100 शतक लगाए जा सकते हैं ।सचिन ने ही एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक लगाकर एक मार्ग तैयार किया  दुनिया को बताया कि एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक भी लगाया जा सकता है,इसके बाद कई खिलाड़ियों ने दोहरे शतक लगाए हैं ।  आज विश्व में कई क्रिकेट खिलाड़ी उनके द्वारा निर्मित पथ पर चल रहे हैं।

 सचिन तेन्दुलकर का उत्तम चरित्र –

“चरित्रेण तस्य देवत्वं न हि केवलं क्रीडनात्”  अर्थात  उत्तम चरित्र से उसका देवत्व है न केवल खेलने से। सचिन को क्रिकेट का भगवान की उपाधि मिलने के पीछे प्रमुख कारण है  उनका क्रिकेट में कीर्तिमान स्थापित करने के साथ-साथ सौम्य स्वभाव, धैर्यता, विनम्रता व चरित्रवत्ता आदि उत्तम प्रकृति के गुणों वाला होना ।  सचिन ने कभी भी अपने साथी खिलाड़ियों से झगड़ा नहीं किया इसके साथ ही सचिन को कभी भी क्रिकेट के मैदान में  गुस्से में आकर गेंद या  बैट को फेंकते हुए नहीं देखा गया। सचिन ने कभी भी एंपायर के फैसले के खिलाफ विरोध प्रकट नहीं किया।  सचिन ने अपने स्वाभिमान को विनम्रता पूर्वक  मन में छुपा के रखा है। जहां आज कई खिलाड़ी व सेलिब्रिटी केवल पैसे के लिए भ्रामक विज्ञापन करने में पीछे नहीं रहते, वहीं सचिन तेंदुलकर एक महान बल्लेबाज व विश्वप्रसिद्ध सेलिब्रिटी होने के बाद भी  युवाओं को भ्रमित करने वाले विज्ञापन नहीं करते।  सचिन ने अपने पिता को वचन दिया था कि वो कभी भी शराब का विज्ञापन नहीं करेंगे इसलिए उन्होंने आज तक शराब का विज्ञापन नहीं किया।  सचिन का यह गुण एक आदर्श पुत्र ,देशभक्ति व अपने पिता के प्रति पितृभक्ति को प्रकट करता है।  सचिन का सबसे विशेष गुण है कि  सफलता की इस पायदान पर होने के बाद भी उनका  अपनी पत्नी के अतिरिक्त किसी अन्य महिला या बॉलीवुड सेलिब्रिटी के साथ नाम नहीं जुड़ा।  यह उनके चरित्र का सर्वोत्तम लक्षण है। सचिन तेंदुलकर को उनके पिता ने कहा था कि जीवन में कुछ बनो या ना बनो लेकिन एक अच्छा इंसानों से मिलना सचिन तेंदुलकर उसी मार्ग पर हमेशा अग्रसर रहे हैं। सचिन तेंदुलकर के पिता मराठी कवि थे ,  सचिन तेंदुलकर के गुणों को देखकर लगता है मानो उनके कवि पिता ने  एक गुणवान व  सर्वगुणसंपन्न पुत्र की कल्पना की हो और यह  वास्तविकता में बदल गया हो।  सचिन भूतो न भविष्यति के गुणों वाले खिलाड़ी हैं,  अर्थात सचिन जैसा कोई हुआ है ना होगा।  वास्तव में  सचिन  जैसे भारत रत्न को पाकर यह पुण्य धरा धन्य हो गई है l


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