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पञ्चोपचार-पूजा
आत्म शुद्धि मन्त्र
आसनशुद्धि
आचमन मंत्र
माथे में तिलक लगाने का मंत्र
संकल्प मंत्र
आत्मशुद्धि मन्त्र–
बायें हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ से निम्न मंत्रो के उच्चारण के साथ अपने ऊपर और पूजा सामग्री पर जल छिड़कना चाहिये–
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा ।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः ॥
आचमन मंत्र–
निम्न मंत्र पढ़ते हुए तीन बार आचमन करें।
ॐ केशवाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
ॐ माधवाय नम:।
माथे में तिलक लगाने का मंत्र–
चंदनस्य महत्पुण्यं पवित्रं पापनाशनम् ।
आपदां हरते नित्यं लक्ष्मी: तिष्ठति सर्वदा ॥
हाथमें अक्षत–पुष्प आदि लेकर पूजनका सङ्कल्प करे –
पञ्चोपचार
गन्ध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य के मंत्रो द्वारा पञ्चोपचार पूजन किया जाता है।
1. गन्ध (चन्दन) समर्पित करने का मंत्र–
श्रीखण्डं चन्दनं दिव्यं गन्धाढ्यं सुमनोहरम् ।
विलेपनं सुरश्रेष्ठ चन्दन प्रतिगृह्मयताम्।
चन्दन समर्पयामि।
2. पुष्प समर्पित करने का मंत्र–
मल्लिकादिसुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो।
मयानीतानि पुष्पाणि पूजार्थं प्रतिगृह्यताम्।
पुष्पाणि समर्पयामि॥
3. धूप समर्पित करने का मंत्र–
वनस्पतिरसोद् भूतो गन्धाढ्यो गन्ध उत्तमः ।
आघ्रेयः सर्वदेवानां धूपोऽयं प्रतिगृह्यताम् ।
धूपमाघ्रापयामि ॥
धूप जलाकर समर्पित करें।
4. दीप समर्पित करने का मंत्र–
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसम्पदः
शत्रु–बुद्धि–विनाशाय दीपज्योतिर्नमोस्तुते ||
दीपक जलाकर समर्पित करें।
5. नैवेध्यम् समर्पित करने का मंत्र–
शर्करा खण्ड खाद्यादि दधि क्षीर घृतादिभिः।
आहारै र्भक्ष्यभोज्यैश्च नैवेद्यं प्रतिगृह्यताम् ।
नैवेद्यं निवेदयामि ॥
पुष्पांजलि मंत्र–
नानासुगन्धपुष्पाणि यथा कालोद्भवानि च ।
पुष्पांजलिर्मया दत्ता गृहाण परमेश्वर ॥”
प्रदक्षिणा करने का मंत्र–
यानि कानि च पापानि ज्ञाताज्ञातकृतानि च ।
तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणायाः पदे पदे”
प्रदक्षिणा करें।
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