एकादशी व्रत विधान

एकादशी व्रत विधान

व्रत के विषय में शास्त्रीय प्रमाणों का ही पालन करना चाहिए व शास्त्रीय तथ्यों और शास्त्र के वचन को ही प्रमाण मानना चाहिए । लोक में प्रचलित अनेक प्रकार की भ्रांतियां को त्यागना चाहिए ,जिस प्रकार व्रत में फलाहार के विषय में अनेक भ्रांतियां हैं । आज प्रत्येक पदार्थ फलाहार के रूप में विद्यमान है अतः व्रत में आहार ग्रहण के विषय में भी शास्त्र को ही प्रमाण मानना चाहिए।

व्रत में पूर्व दिन व अग्रिम दिन का है महत्व

जिस दिन का व्रत रखा जाना है उसके पूर्व दिन के कुछ नियम होते हैं । इसी प्रकार अग्रिम दिवस में भी कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना चाहिए।, जिस प्रकार यदि एकादशी का व्रत अथवा उपवास रखना है तो उससे पूर्व दिन अर्थात दशमी के भी कुछ नियम है वह एकादशी के अग्रिम दिन अर्थात द्वादशी के भी कुछ विधान है उनका वैसे ही पालन करना चाहिए।


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